देश के अधिकतर भाग में इस वक्त गेहूं की खेती चल रही है । गेहूं धान के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है जिसपर बहुत बड़ी संख्या में किसान भाई अपने रोजगार के लिए निर्भर हैं ।
गेहूं की पहली सिंचाई लगभग भारत के सभी भागों में हो चुकी है और अब बारी है दूसरी सिंचाई की - जो सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि पहली सिंचाई के दौरान की गई गलतियाँ इस बार सुधारी जा सकती हैं जिस से फसल बहुत ही स्वस्थ होगी ।
• जिसने खेत में देसी खाद का प्रयोग किया हो वो पहली सिंचाई के 20-25 दिन बाद 30 किलो डी ए पी प्रति एकड़ में डाले जिस से पौधा स्वस्थ होता है और साथ ही बालियों एवं बीजों की संख्या भी बढ़ती है ।
• उरिया 50-60 किलोग्राम प्रति एकड़ में प्रयोग करने से फसलों के विकास में वृद्धि होती है ।
• पीलेपन की शिकायत को दूर करने के लिए उरिया के साथ 6-9 किलोग्राम चिलटेड ज़िंक 21% या 10 किलोग्राम माग्नेशियम सल्फ़ेट प्रति एकड़ में इस्तेमाल करें ।
• ऊपर लिखित उर्वरकों के उपयोग के बाद उचित मात्रा में सिंचाई करें ।
• अत्याधिक मात्रा में पानी का उपयोग ना करें ।
• जल निकासी का उचित प्रबंध करें ।
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Ji jaroor
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आपका पोस्ट बहुत ही धमाके दार है
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जी jaroori hai
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Ji jaroor
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गेहूं में खाद डालें और उसके बाद सिचाई करें
धन्यवाद:pray:
Gana.or.Dan
गेहूं की उन्नत बीजो के नाम बताइए